मंगलवार, 11 दिसंबर 2012



                                   12.12.12 का संयोग अशुभ



-इस दिन की गई शादियां होगी विफल

जितेन्द्र तिवारी। जलगांव. 10 दिसंबर

12.12.12 को लेकर लोगों में खासा उत्साह है. कोई नई वस्तु खरीदने की योजना बना रहा है, तो कोई नया काम शुरू करने की. बुधवार के दिन पड.ने वाला 12.12.12 का संयोग 324 साल में एक बार आएगा. इस दिन को लेकर स्वर्णनगरी के लोग काफी उत्साहित दिख रहे है. किसी ने इस संयोग को यादगार बनाने के लिए शादियां रखीं हैं, तो कोई विशेष कार्य कर इस दिन को यादगार बनाने की कोशिश कर रहा है.
वहीं अगर इसके दूसरे पहलू पर गौर करें तो ज्योतिषाचार्य इस दिन को अशुभ मान रहे है. उनका कहना है कि इस दिन किया गया कार्य यादगार तो होगा पर भविष्य के लिए अशुभकारी साबित रहेगा. ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश बोरकर का कहना है कि 12.12.12 के संयोग के कारण देश के लिए 2013 कठिनाईयों भरा साबित होगा. इस बार वर्ष के अंतिम महिने में पांच रविवार, पांच सोमवार और पांच शनिवार आ रहे है. इस योग को ज्योतिषशास्त्र में चंडाल योग कहते है. रवि गृह का रविवार, शनि का शनिवार इससे कुयोग बनता है. वहीं सोमवार का कारकगृह चंद्र और शनिवार का शनि होता है. इससे यह पूर्ण रुप से चंडाल बनता है. 

दुष्टों को लाभदायक

पंडितों का कहना है कि बुधवार को 12.12.12 के संयोग पढ.ने के कारण यह दिन असूरों व दुष्टों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा. सत्यशील लोगों के लिए दुखकारी रहेगा एवं लोकतंत्र पराजित होता हुआ दिखाई देगा. सत्य पर असत्य की विजय होगी. वहीं कोई भी कोर्ट कचहरी का मामला सफल होगा. 

शादियां होगी असफल

ज्योतिषाचायरें की माने तो इस तारीख में चतुदश्री रिक्तातिथि होने के कारण की गई शादियां असफल साबित होगी. जिसके चलते परिवार में कलह जैसी स्थिति बनी रहेगी. एवं गर्भपात, तनाव के बीच विवाद जैसी समस्याएं आएगी. इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य न किया जाए. 

2013 रहेगा कठिनाईयों से भरा

12.12.12 के संयोग का 2013 पर भी असर पड.ने वाला है. इस पर पं. सुरेश बोरकर का कहना है कि 2013 में अत्यंत जटिल समस्याएं देश के सामने आएगी. वहीं देश को पूरे वर्ष कठिनाईयों का सामना करना पडे.गा. परन्तु इस काल में देश को स्वर्ण युग की तरफ ले जाने वाले पुरुष का उदय दिखाई देगा. वहीं महाराष्ट्र की राजनीति में कलह व उथल-पुथल मची रहेगी.

इनका भविष्य उज्ज्वल

 12.12.12 तारीख के दिन दोपहर 12 बजे कुंभ लग्न एवं कुंभ नवमांश अनुराधा नक्षत्र तृतीय चरण में वृश्‍चिक राशि के बच्चे का जन्म होगा. पं. कृष्णाजी महाराज का कहना है कि इस दिन जन्मे जातक उत्तम आयु व योगवान रहेगे. चंद्र, गुरु, युक्त के, दस स्थान में होने के कारण जन्मा जातक उत्तम व पिता के लिए लाभकारी सिद्ध होगा.

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